मध्य प्रदेश की खजुराहो सीट पर चुनावी मुद्दे क्या।
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समुद्र तट और पन्नार नदी के किनारे बसा नेल्लोर महाभारत का तेलुगु में अनुवाद करने वाले महान कवि तिखना सोमवाजी की जन्मभूमि है। रायलसीमा की इस संसदीय सीट पर दिलचस्प मुकाबला हो रहा है। यहां आंध्र के दो दिग्गज नेता पहली बार जनता की अदालत में हैं। दो दशकों की लंबी सियासी पारी के बाद वाईएसआरसीपी संसदीय दल के नेता विजयसाई रेड्डी और राज्यसभा के पूर्व सांसद वेमिरेड्डी प्रभाकर रेड्डी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। वाईसीपी के प्रमुख रणनीतिकार विजयसाई को उन्हीं की पार्टी में रहे वेमिरेड्डी टक्कर दे रहे हैं। चार माह पहले पाला बदलने वाले वेमिरेड्डी को इस बार टीडीपी ने नेल्लोर लोकसभा क्षेत्र से उतारा है। कांग्रेस से राहलु गांधी के करीबी कोपुला राजू मैदान में हैं। पूर्व आईएएस अफसर राजू नेल्लोर में कभी कलेक्टर थे, अब वहीं से चुनावी ताल ठोक रहे हैं।
कभी कांग्रेस के गढ़ रहे नेल्लोर संसदीय क्षेत्र में वाईएसआरसीपी जीत की हैट्रिक लगा चुकी है। पार्टी के जिला अध्यक्ष रहे वेमिरेड्डी के टीडीपी में जाने पर मुख्यमंत्री जगन ने अपने सबसे भरोसेमंद और वित्तीय सलाहकार को मैदान में उतारा है। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट विजयसाई, जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार भी हो चुके हैं। उधर, नेल्लोर में दो बार जीत का स्वाद चख चुकी टीडीपी ने भी वाईएसआरसीपी के खिलाफ उसी के अस्त्र को छोड़ दिया है। बड़े कारोबारी और कभी जगन के करीबी रहे वेमिरेड्डी प्रभाकर पर दांव खेल चंद्रबाबू यहां एक तीर से कई निशाने साध रहे हैं। ऐसे में इस संसदीय सीट से सीएम जगन एवं चंद्रबाबू नायडू के साथ राहुल गांधी की भी प्रतिष्ठा जुड़ी है। होटल कारोबारी वेंक्टेशर कहते हैं नेल्लोर में इस बार वोटर साइलेंट है। बिजली बिल कई गुना बढ़ गए हैं। दारू के रेट यहां सबसे ज्यादा हैं। लोगों में आक्रोश है, लेकिन खामोश हैं। बंगलूरू में प्राइवेट नौकरी कर रहे नेल्लोर के बालाकृष्णन का कहना कि आंध्र के लोग ये नहीं बता पा रहे हैं कि उसके राज्य की राजधानी कहां है। रोजगार के लिए युवाओं को बाहर जाना पड़ रहा है। पीएम मोदी अच्छा कर रहे हैं, लेकिन आंध्र में कुछ नहीं हो रहा। मोदी का भी टीडीपी एलायंस को कुछ फायदा मिल सकता है।
अपने गढ़ में पिछड़ गई कांग्रेस भाजपा का न खुल सका खाता
नेल्लोर संसदीय क्षेत्र कभी कांग्रेस का गढ़ रहा है। कांग्रेस ने यहां से 13 बार जीत हासिल की। 1982 में टीडीपी के अस्तित्व में आने के बाद हुए 10 लोकसभा चुनावों में भी 6 बार कांग्रेस जीती। टीडीपी ने 2 बार यहां से जीत दर्ज की। टीडीपी के राजेश्वरम्मा को छोड़ दिया जाए तो हर सांसद ने यहां कम से कम दो बार जीत हासिल की। वर्ष 2004 में बीजेपी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन 38.48 फीसदी वोट हासिल करने के बाद भी हार गई थी।
नेल्लोर में 2012 के उपचुनाव समेत वाईएसआरसीपी जीत की हैट्रिक लगा चुकी है, लेकिन कांग्रेस पीछे छूट गई है। पिछले चुनाव में कांग्रेस एक फीसदी वोट भी हासिल नहीं कर सकी थी।
पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजे
2019
उम्मीदवार दल मत%
अदला प्रभाकर रेड्डी वाईएसआरसीपी 53.48
वीडा मस्तान राव टीडीपी 40.47
सी देवाकुमार रेड्डी कांग्रेस 0.79
एस सुरेश रेड्डी भाजपा 0.98
2014
मीकापति राजामोहन रेड्डी वाईएसआरसीपी 48.80
अदाला प्रभाकर रेड्डी टीडीपी 47.57
नारायण रेड्डी कांग्रेस 1.94
एस सुरेश रेड्डी भाजपा 0.97