Phani Majumdar Death Anniversary: Know About Director Career Movies And Life Story – Amar Ujala Hindi News Live


Phani Majumdar Death Anniversary: Know About director Career movies and Life Story

फणी मजूमदार
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


हिंदी सिनेमा के मशहूर निर्देशक फणी मजूमदार की आज डेथ एनिवर्सरी है। उन्होंने कई चर्चित फिल्मों का निर्देशन किया। उन्हें मीना कुमारी अभिनीत क्लासिक ‘आरती’ और ‘ऊंचे लोग’ जैसी फिल्मों के निर्देशन के लिए जाना जाता है। उनकी लोकप्रियता देश ही नहीं, विदेशों तक रही। फणी मजूमदार ने सिंगापुर में काम करते हुए साल 1955 में हैंग तुह (Hang Tuah) बनाई, जिसके लिए उन्हें 7वें बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में गोल्डन बियर के लिए भी नामांकित किया गया था। आइए जानते हैं उनके बारे में…

शक्ति सामंत सीखे सिनेमा के गुर

फणी मजूमदार का जन्म 28 दिसंबर 1911 को हुआ। निर्देशक फणी मजूमदार ने 1930 के दशक में बीएन सरकार द्वारा स्थापित कलकत्ता के न्यू थिएटर स्टूडियो में फिल्म निर्देशक पीसी बरुआ के साथ काम किया और इस दौरान उन्होंने 1935 में ‘देवदास’ जैसी क्लासिकल फिल्म का निर्माण किया। इसके बाद उन्होंने मुंबई जाकर बॉम्बे स्टूडियो के साथ काम किया और फिल्म जगत को सुरैया, आंदोलन, तमन्ना जैसी फिल्में दीं। फणी मजूमदार ने हिंदी जगत में कई लोगों के साथ काम किया, इन्हीं में से एक थे शक्ति सामंत। कहा जाता है कि शक्ति सामंत ने सिनेमा के शुरुआती गुर फणी मजूमदार से ही सीखे थे। एक स्वतंत्र निर्देशक के रूप में काम करने से पहले शक्ति सामंत ने बॉम्बे टाकीज में धोबी डॉक्टर और तमाशा जैसी फिल्मों में फणी मजूमदार के साथ काम किया था।

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‘स्ट्रीट सिंगर’ से छा गए

निर्देशक फणी मजूमदार को खासतौर पर फिल्म ‘स्ट्रीट सिंगर’ के जरिए लोकप्रियता मिली। इसका निर्देशन उन्होंने 1938 में किया था। के एल सहगल को भी उनकी फिल्म स्ट्रीट सिंगर के गाने से ही पहचान मिली। इस फिल्म में के एल सहगल (कुंदन लाल सहगल) ने गीत ‘बाबुल मोरा नैहर छूटो जाए’ गाना गया था। के एल सहगल को आज भी इस गाने के लिए याद किया जाता है। मजूमदार, के एल सहगल को एक असाधारण कलाकार मानते थे। जब केएल सहगल ने जब ‘बाबुल मोरा’ गाना गाया था, तब उन्होंने मजूमदार से अनुरोध किया कि उन्हें सेट पर लाइव गाने दें। खास बात रही कि बाबुल मोरे की प्लेबैक रिकॉर्डिंग नहीं की गई थी, बल्कि उन्होंने सीधे इसे हारमोनियम के साथ सड़कों पर गाया था और ये गाना क्लासिक माना जाता है।

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क्षेत्रीय सिनेमा की फिल्में भी बनाईं

फणी मजूमदार के हिंदी सिनेमा से लेकर क्षेत्रीय सिनेमा तक में अपने निर्देशन के जरिए योगदान दिया। फणी मजूमदार ने अपने करियर में कई भाषाओं की फिल्मों का निर्माण किया। उन्होंने पंजाबी, मैथिली और मगधी में भी फिल्में बनाई थीं। दिग्गज अभिनेता रहे फिरोज खान को भी पहली हिट मजूमदार की फिल्म से मिली थी। फणी मजूमदार के निर्देशन में बनी फिल्म ‘ऊंचे लोग’ फिरोज की पहली हिट फिल्म थी। 16 मई 1994 को फणी मजूमदार इस दुनिया को अलविदा कह गए।

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