5 मिनट पहलेलेखक: किरण जैन
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टेलीविजन एक्ट्रेस मौली गांगुली इन दिनों सीरियल ‘जननी- AI की कहानी’ में नजर आ रही हैं। पिछले 28 साल में एक्ट्रेस ‘कहीं किसी रोज’, ‘कुसुम’, ‘नच बलिए’, ‘सूर्यपुत्र कर्ण’ जैसे कई हिट शोज में काम कर चुकी हैं। हालांकि, उनकी मानें तो टेलीविजन का आज का दौर काफी चिंताजनक है।
दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में मौली ने बताया कि कैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म की वजह से टीवी का चार्म धीरे-धीरे खत्म होते जा रहा है। कई मेकर्स को शो शुरू होने के कुछ ही महीने बाद उसे बंद करन पड़ रहा है। बातचीत के दौरान, उन्होंने अपने करियर में बॉलीवुड फिल्में ठुकराने के पीछे की वजह भी बताई। पढ़िए बातचीत के कुछ प्रमुख अंश:
कम्पटीशन बहुत बढ़ गया है
ऑडियंस अब पूरी तरह से डिवाइड हो चुकी है। ओटीटी प्लेटफार्म पर भी कई अलग-अलग चैनल हैं। जो टेलीविजन के ऑडियंस थे, उसमें से ज्यादातर ने ओटीटी का रुख कर लिया है। कम्पटीशन बहुत बढ़ गया है। एक वक्त था जब टेलीविजन का अपना चार्म था। घर-घर में टीवी शोज चला करते थे। लेकिन अब ये चार्म धीरे-धीरे खत्म हो रहा है जो कि चिंताजनक भी है।
मेकर्स कुछ बदलाव लाने का सोचें,इससे पहले ही शो बंद हो जाता है
आजकल लोगों में पेशेंस बहुत कम हो गया है। रील्स (शॉट वीडियो) की दुनिया में लोग इंतजार करना ही नहीं चाहते। उनमें पेशेंस बिलकुल नहीं हैं। हमारे शो ‘कहीं किसी रोज’ के शुरूआती 3 महीने तो, ऑडियंस ने शो के जॉनर को समझने में ही लगा दिए थे। इस दौरान, वे ये जानना चाहते थे कि हमारा शो थ्रिलर है या हॉरर। 3 महीने बाद, शो क्लिक हुआ। टीआरपी डबल डिजिट यानी की 18-19 की रेटिंग आती थी। आज के दौर में, 3 की रेटिंग भी बड़ी मानी जाती है। दुर्भाग्यवश, अब दर्शक अपना वक्त नहीं देते। मेकर्स कुछ बदलाव लाने का सोचें इससे पहले ही शो बंद हो जाता है।
फिल्मों की दुनिया में बिल्कुल फिट नहीं बैठती
शुरुआत में मुझे फिल्मों के ऑफर्स आए थे। लेकिन बॉलीवुड एक अलग दुनिया है। साथ ही कपड़े, स्क्रिप्ट, शिफ्ट्स आदि को लेकर कई रिजर्वेशन भी थे। वहीं, टेलीविजन में मैं अपने हिसाब से काम चुन सकती हूं। कुल मिलाकर, मैं फिल्मों की दुनिया में बिलकुल फिट नहीं बैठती।
टेलीविजन इंडस्ट्री में ह्यूमन टीम को AI रिप्लेस भी कर सकता है
शो ‘जननी- AI की कहानी’ AI टेक्नोलॉजी के इर्द-गिर्द है। इसमें कोई दो राय नहीं कि ये टेक्नोलॉजी काफी एडवांस है। भविष्य में, टेलीविजन इंडस्ट्री में ह्यूमन टीम को AI रिप्लेस भी कर सकता है। जिस तरह के एलन मस्क के इंटरव्यूज मैंने सुने है, उनका दिमाग तो वाकई में अलग लेवल का है। बस, जो भी हो या जो कोई भी कुछ करे, उसकी नियत सही होनी चाहिए। जैसे, हमारे शो में हम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन एक अच्छे काम के लिए। बाकी, टेक्नोलॉजी का विकास होना भी जरुरी है।
‘कहीं किसी रोज’ के सीक्वल के बारे में सुना, लेकिन…
हाल ही में मैंने सुना कि हमारे शो ‘कहीं किसी रोज’ का सीक्वल आने वाला है। हालांकि सच ये है कि इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं। यदि ऐसा होता है तो बहुत अच्छी खबर होगी। जाहिर है, लीड रोल हम तो बिल्कुल नहीं निभा पाएंगे। नई कास्ट के साथ ही ये शो बन पाएगा।