27 मिनट पहलेलेखक: उमेश कुमार उपाध्याय
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लागी तुझसे लगन’, ‘नज़र’, ‘तनाव’, ‘अफवाह’, ‘आर्टिकल 370’ जैसी टेलीविजन, वेब सीरीज और फिल्म कर चुके सुमित कौल इन दिनों दंगल टीवी पर प्रसारित हो रहे सीरियल ‘जननी’-एआई की कहानी’ में परेश परमार का किरदार निभा रहे हैं। इसके अलावा लखनऊ में सुधीर मिश्रा की पीरियड वेब शो भी शूट कर रहे हैं। सुमित कौल को एक्टिंग के अलावा डबिंग में भी महारत हासिल है। वे कई हॉलीवुड फिल्म स्टार को अपनी आवाज दे चुके हैं।
सुमित कौल से पर्सनल-प्रोफेशनल फ्रंट पर बातचीत:
सवाल- ‘जननी’ की कहानी और आपका किरदार क्या है?
जवाब- शो की कहानी एक मां और बेटी की है। बेटी को जानलेवा बीमारी हुई है, जिससे उसकी जान जा सकती है। मां किसी तरीके से अपनी बच्ची की जान बचाना चाहती है। उसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और रोबोटिक्स में पॉसिबिलिटी मिलती है। कहानी का मूल है कि मां अपनी बच्ची को बचाने के लिए एआई का कैसे इस्तेमाल करती है। इसमें मेरा किरदार परेश परमार का है, जो जीनियस साइंटिस्ट और बड़ा महत्वाकांक्षी है।
वह विज्ञान का इस्तेमाल लोगों की भलाई के लिए नहीं करके अपनी महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए करना चाहता है। उसकी सोच है कि जो दिमागी रूप से बहुत ज्यादा सक्षम है, उन्हें दुनिया पर हुकूमत करनी चाहिए। इस बात की उसे बहुत ज्यादा सनक है। वह अपने सपने को पूरा करने में इतना ज्यादा डूब चुका है कि उसका असलियत और इंसानियत से नाता टूट चुका है।
उसके जीवन में कोई भी सिचुएशन होती है, उसे एक ही नजरिए से देख पाता है कि क्या यह सिचुएशन मेरा सपना पूरा करने में किसी काम आएगी। अगर हां तो सही है वरना किसी काम की नहीं। लड़की की मां परेश के लैब में काम करती है।
वे काफी निपुण वैज्ञानिक रह चुकी हैं, लेकिन वह एक वक्त के बाद काम छोड़कर अपना जीवन बच्ची की परवरिश में लगा दिया था। अब अपनी बेटी की जान बचाने के लिए उसी काम पर लौट कर आई हैं। वे काफी ऐसी चीजें कर ले जाती हैं, जिसे करने के लिए परेश जूझ रहा है। इससे परेश को एक तरह का गुस्सा भी है, वह इसके चलते उसकी मुसीबत बन जाता है। एक किस्म से मेरा किरदार लोमड़ी जैसा है।
सवाल- रियल लाइफ में आप भी बड़े जीनियस हैं, हालांकि रील लाइफ किरदार से कितने अलग हैं?
जवाब- शुरुआत में यह सवाल अपने आपसे भी पूछा था। मैं कोई किरदार निभाता हूं, तब सबसे पहले उसे अपने आप में ढूंढ़ने की कोशिश करता हूं, क्योंकि बाहरी तौर पर बनाऊंगा तो वह बनावटी लगेगा। महत्वाकांक्षी परेश परमार को अपने आप में ढूंढ़ने के लिए काफी वक्त से जूझ रहा था।
मुझे मुश्किल हो रही थी, क्योंकि अपने अंदर परेश का रूप दिख नहीं रहा था। एक दिन रियलाइज किया कि हम सब अपने जीवन में सपने देखते हैं। उनमें से कितने सपने साकार होते हैं। मेरे लिए कई सपनों में से एक सपना अभिनेता बनने को लेकर था। मैं कश्मीरी होने के नाते डॉक्टर, इंजीनियर आदि नॉर्मली प्रोफेशन से सरोकार रखा जाता है।
कोई सोचता नहीं कि एक्टर बन जाएगा। ज्यादातर लोग यही कहते मिले कि कहां जा रहे हो, यह तो तुम्हारे किसी काम का नहीं है। हमारे पूरे खानदान में कभी किसी ने ऐसा किया नहीं है, तुम कहां से करोगे। एक्टिंग प्रोफेशन में घुसते ही बोला गया कि हिंदुस्तानी सिनेमा में काम करना चाहते हो, पर हिंदुस्तानी लगते ही नहीं हो। मैंने थिएटर शुरू किया, तब बैक स्टेज रखा जाता था, क्योंकि उर्दू साफ नहीं थी।
उर्दू सुधारा तो बताया गया कि आवाज कमजोर है, कैसे एक्टर बनोगे। इस तरह तमाम किस्म से लोग यकीन दिलाने पर लगे हैं कि आपका सपना पूरा नहीं हो सकता। इसके बावजूद सपने से इतना ज्यादा प्रभावित रहा कि उससे आगे सोच ही नहीं सकता था।
मैंने रियलाइज किया कि खुद अपने सपने में इतना ज्यादा घुल-मिल गया था कि लोग कुछ भी कहते रहे, पर फर्क नहीं पड़ता था। उस हिसाब से मैं परेश परमार जैसा ही हूं। हां, मैंने कभी किसी को नुकसान पहुंचाने के बारे में नहीं सोचा, लेकिन अपने सपने के आगे कोई दिखा भी नहीं।
सीरियल की कहानी में क्या खास मोड़ आने वाला है?
टेलीविजन की मजेदार बात यही है कि कहानी में मोड़ आता रहता है। हमारे प्रोड्यूसर मृणाल झा और राइटर अभिज्ञान झा की मेकिंग की खासियत है कि हर दूसरे-तीसरे एपिसोड में कुछ न कुछ रोमांचक मोड़ आता रहता है। अब तक ऑडियंस ने देखा है कि परेश परमार को शक हो गया है कि इरा शर्मा (मौली गांगुली) ने उसके लैब से रोबोट चुराया है। वह अलग से रोबोट पर कुछ बेहतर काम कर रही है। लेकिन परेश ऐसा होने नहीं देना चाहता है। परेश अब इरा की जिंदगी में और रोड़े डालने के बारे में सोचेगा।
इरा शर्मा का किरदार मौली गांगुली निभा रही हैं। उनके बारे में वो बात बताइए, जो बहुत कम लोग जानते हैं
उनका विल पावर बहुत स्ट्रॉन्ग है। वे किसी चीज को करने के लिए ठान लेती हैं, तब कठिनाई के बावजूद उस पर डटी रहती हैं। वे दूसरों से अलग नहीं रहना चाहती, लेकिन सब लोग एक ही दिशा में जा रहे हैं तो वे भी उसी दिशा में चली जाएं, ऐसी नहीं करतीं।
वे खामखां की गॉसिप नहीं करती हैं। उन्हें जहां तक जाना है, वे सिर्फ फायदे के लिए नहीं, बल्कि फायदे के साथ संतुष्टि के लिए काम करती हैं। अपने जीवन में चीजों को लेकर एकदम क्लियर होती हैं। वे स्पिरिचुअल माइंडेड हैं, इस बारे में हमारा काफी बातचीत होती है। छोटी-छोटी चीजों को जानने-समझने के लिए बच्चों की तरह उत्सुक रहती हैं। उनके स्वभाव की ये बातें अच्छी लगती हैं।
आप आवाज के धनी हैं। इन दिनों आवाज के फ्रंट पर कुछ कर रहे हैं, तब वो क्या है?
आवाज को लेकर काफी चीजें चलती रहती हैं। ओटीटी पर आने वाले अंग्रेजी या दूसरी भाषाओं के शोज होते हैं, उनका जब हिंदी में लोकलाइजेशन होकर डबिंग होती है, ऐसे काफी सारे प्रोजेक्ट का हिस्सा रह चुका हूं। हालिया मेरे दो फेवरिट शोज रहे हैं। एक रिप्ली शो में एंड्रयू स्कॉट को और दूसरा पोचर नामक शो में रोशन मैथ्यू की आवाज को हिंदी और इंग्लिश में डब किया है। इसके लिए बहुत सराहना मिल रही है।
इसके अलावा अब तक वाइसिंग में कुल छोटे-बड़े लगभग 200 शोज और फिल्मों को आवाज दी होगी। मैं कॉमेडियन एक्टर एडम सैंडलर का ऑफिशियल वाइस हूं। वाइस की दुनिया में अलग-अलग काम करने का अवसर मिलता है। अभी एक हिंदी और एक मलयालम थिएटर रिलीज फिल्म के अलावा दो ओटीटी शो हैं, जिसके लिए डब कर रहा हूं। इस समय डिस्कवरी पर दो-तीन शोज चल रहे हैं, जहां पर वियो करता हूं, साथ ही नरेटर और होस्ट हूं।
रियल लाइफ में क्या खास चल रहा है?
मैं स्पोर्ट्स में बैडमिंटन से काफी जुड़ा रहता हूं। स्टेट और नेशनल टूर्नामेंट खेलता हूं। यह मेरे काम से कुछ अलग है, जिसे करने में मजा आ रहा है। मेरी बेटी की 12वीं की पढ़ाई खत्म हो गई है, अब वह कॉलेज में पढ़ने जाने वाली है।
बतौर पिता खुश हूं और चिंतित भी हूं कि उसके लिए चीजों को किस तरह से प्लान करूं, जिससे उसके जीवन में कम से कम रोडे आएं, क्योंकि अब वह पढ़ाई के लिए हमारे से दूर ट्रैवल करेगी। वह हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है। थोड़ा एक्साइटेड और थोड़ा-सा नर्वस भी हूं। मन की शांति के लिए रेगुलरी मेडिटेड करता हूं।
बेटी किस क्षेत्र में करियर बनाना चाहती हैं?
उसे अभिनय अच्छा लगता है, इसलिए एक्टिंग की तरफ उसका रुझान है। एक्टिंग के साथ-साथ लेखन में बहुत ज्यादा लगाव है। इस समय उसका शौक बच्चों की कहानी लिखने को लेकर है। वह बच्चों की कहानियां लिखना चाहती है। वह अंग्रेजी में निपुण है। अंग्रेजी में ऑनर्स और क्रिएटिव राइटिंग पढ़ना चाहती है। इसके साथ-साथ वह थिएटर भी करना चाह रही है।