सुनील छेत्री
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देश को सुनील छेत्री की कमी तो खलेगी। क्योंकि छेत्री ने देश के लिए बहुत लंबा समय दिया। एक युग का समापन होगा। जब-जब भारतीय फुटबॉलर के लिए मैदान में उतरेंगे, लोग कहीं न कहीं छेत्री को तलाशेंगे। बेहतरीन खिलाड़ी जब रिटायरमेंट की बात कहता है तो खेल प्रेमियों में निराशा तो होती है। पर उन्होंने सही समय पर सही फैसला लिया है। यह कहना है कि बाईसाइकिल किक के नाम से मशहूर देश के पूर्व फुटबॉलर श्याम थापा का।
बकौल थापा, सुनील छेत्री ने देश के फुटबॉल को नए मुकाम तक पहुंचाया। उन्होंने अधिकतर गोल, पेनाल्टी या हेड से किए हैं। पेनॉल्टी को गोल में बदलने का मतलब है कि आप पर दबाव रहता है। उन्होंने हमेशा दबाव में टीम का आगे बढ़कर नेतृत्व किया।
उत्तराधिकारी की रेस में हैं कई खिलाड़ी
थापा कहते हैं, जब एक नायक स्थान छोड़ता है तो यह सवाल स्वाभाविक है कि अगला कौन। सुनील के रिटायरमेंट के बाद यह सवाल सबके मन में है कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा। देश में कई क्लब हैं और कई खिलाड़ी अच्छा खेल रहे हैं। अभी यह कहना कि उत्तराधिकारी कौन होगा, थोड़ी जल्दबाजी होगी। समय के साथ खिलाड़ी परिपक्व होते हैं, कई खिलाड़ी उनके उत्ताराधिकारी बनने की रेस में हैं।