Sitapur: Case Registered Against Ajit, The Mastermind Of 6 Murders, Sent To Jail, Murders Due To Property Disp – Amar Ujala Hindi News Live – सीतापुर:छह हत्याओं के मास्टर माइंड अजीत को भेजा गया जेल, पुलिस बोली


Sitapur: Case registered against Ajit, the mastermind of 6 murders, sent to jail, murders due to property disp

सीतापुर हत्याकांड
– फोटो : अमर उजाला

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रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र में पल्हापुर गांव में बीते शनिवार तड़के हुए सामूहिक हत्याकांड का बृहस्पतिवार को आईजी रेंज तरुण गाबा ने खुलासा कर दिया। आईजी तरुण गाबा ने बताया कि पल्हापुर गांव निवासी अजीत सिंह ने अपने भाई अनुराग (45), प्रियंका (40) व उनके तीन बच्चों अर्ना (12), आश्वी (10) और आद्विक (5) और अपनी मां सावित्री की नृशंस हत्या कर दी थी। अजीत ने अनुराग को ही सबकी हत्याओं का दोषी बताया था। इसके बाद अनुराग द्वाराआत्महत्या करने की कहानी गढ़ दी थी। 

प्राथमिक जांच में पुलिस भी उसके बयान को सच मान बैठी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने जांच की दिशा बदल दी। इसके बाद अजीत सिंह से सख्ती से पूछताछ शुरू हुई। जिसमें उसने हत्या की बात कबूल कर ली। उसने बताया कि संपत्ति विवाद के चलते भाई अनुराग से मनमुटाव तो था ही लेकिन जब अनुराग ने पिता का कर्ज चुकाने से मना कर दिया तो वह गुस्से से आगबबूला हो गया और ये साजिश रच डाली। पुलिस ने मौके से हत्या में प्रयोग किया गया अवैध असलहा, आठ जिंदा कारतूस, 5 खोखे और एक हथौड़ा बरामद किया है। वहीं, अजीत सिंह पर हत्या व आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।

पुलिस का दावा- मौके पर एक्टिव नहीं मिला बाहरी नंबर

पल्हापुर हत्याकांड में पुलिस ने अजीत से कई बिंदुओं पर लगातार पूछताछ की। उसने पुलिस को बहुत गुमराह भी किया। एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि फोरेंसिक और सर्विलांस टीम ने घर के अंदर मिले साक्ष्यों को परखा। घर के अंदर किसी बाहरी की आमद का साक्ष्य नहीं मिला। इससे यह साबित हुआ कि घटना अकेले अजीत सिंह ने की। इसके साथ सीडीआर को खंगाला गया। इससे पता चला कि घटना के समय अजीत सिंह की पत्नी, साला, ससुर, बहन, बहनोई, ताई के दोनों लड़के व अन्य प्रमुख रिश्तेदार अपने-अपने घरों पर मौजूद थे। घटना में उनकी संलिप्तता का कोई साक्ष्य नहीं मिला। मौके पर भी ऐसा कोई बाहरी मोबाइल नंबर एक्टिव नहीं पाया गया, जो संदिग्ध हो। वहीं, केसीसी का लोन भी बाकी था। पुलिस टीमों ने क्राइम सीन का दोहराव भी किया। इसका मिलान अजीत सिंह के बयानों से किया गया। अजीत के बयान प्रथम दृष्टया सही पाये गए।

उन्होंने बताया कि साक्ष्य संकलन के दौरान विभिन्न व्यक्तियों के खून का सैंपल, डीएनए, फिंगर प्रिंट, आला कत्ल अवैध तमंचा और हथौड़ा का परीक्षण किया गया। इसकी विस्तृत रिपोर्ट को आगे विवेचना में शामिल किया जाएगा। भविष्य में अगर कोई अन्य तथ्य मिला तो उसके आधार पर सभी बिंदुओं पर गहराई से जांच की जायेगी।

इनकी रही अहम भूमिका

एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि इस घटना के अनावरण में एसओजी प्रभारी सत्येन्द्र विक्रम सिंह, उपनिरीक्षक प्रदीप पाण्डेय, राजबहादुर के साथ एसटीएफ निरीक्षक दिलीप तिवारी, उपनिरीक्षक विनोद सिंह, फोरेंसिक टीम के उपनिरीक्षक राकेश कुमार मय टीम शामिल रहे। वहीं, रामपुर मथुरा के एसएचओ महेश चंद्र पांडेय की ब्रीफिंग ने इस केस में सीतापुर पुलिस की खूब किरकिरी कराई।


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