49 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी
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दैनिक भास्कर ने एक्टर से राइटर – डायरेक्टर बने कुणाल खेमू से उनकी फिल्म ‘मडगांव एक्सप्रेस’ की सक्सेस पर बात की। इस दौरान रैपिड फायर राउंड में आलिया भट्ट का नाम लेने पर कुणाल ने आलिया भट्ट को फैबुलस एक्टर बताया तो रणबीर को बताया कि वो डायरेक्टर के कन्वेंशन में खुद को समर्पित बताया। उन्होंने करीना को सबसे फनी पर्सन तो सैफ को कूल बताया। कुणाल को किताबें पढ़ने का शौक सैफ और सोहा की वजह से हुआ।
आलिया भट्ट फैबुलस एक्टर हैं
आलिया भट्ट फैबुलस एक्टर हैं,आज बड़ी एक्टर बन गई हैं। मैंने इनको तब से देखा है, जब सेट पर गोद में आती थीं। मैं खुद भी बच्चा था जब उनके पिता (महेश भट्ट) के सेट पर जाया करता था। आलिया से बहुत कुछ सीखा है।
सैफ और सोहा के चक्कर मैंने भी किताबें पढ़ ली
सैफ अली खान काफी कूल हैं। जब भी मिलता हूं, मुझे हमेशा लगता है कि आप एक एक्टर को भूल गए हैं। पहली बार सैफ से पूल गेम पर मिला था। वहां कंपटीशन बन गया कि गेम कौन जीतेगा। लोग अक्सर पूछते हैं कि जब आप लोग मिलते होंगे तो क्या बातें होती होंगी ? लोगों को तो यही लगता होगा कि फिल्मी बातें होती होंगी। लेकिन ऐसा नहीं होता है। सैफ और सोहा को किताबें पढ़ने का बहुत शौक है। उनके कलेक्शन में बहुत सारी किताबें हैं। इन दोनों के चक्कर में मैंने भी 5- 6 किताबें पढ़ ली।
रणबीर डायरेक्टर के कन्वेन्शन में खुद को समर्पित कर देते हैं
रणबीर कपूर मेरे फेवरेट एक्टर हैं। मैं उनकी बहुत इज्जत करता हूं। मुझे लगता है कि वो ऐसे एक्टर हैं, जो डायरेक्टर के कन्वेंशन में खुद को समर्पित कर देते हैं। उनकी रेंज बहुत अच्छी हैं। वो कुछ कलाकारों में से ऐसे हैं कि जो अपनी आंखों से परफॉर्म करते हैं।
गोलमाल तो हमारा पेड हॉलिडे है
‘गोलमाल अगेन एंड अगेन’ तो हमारा पेड हॉलिडे है। इस फिल्म की शूटिंग में बहुत मजा आता है। इसमें हमें पुरानी दोस्ती वाली फीलिंग आती है। गोलमाल की शूटिंग के बाद शायद हम लोग एक दूसरे से सालों तक ना मिलें। लेकिन जब गोलमाल की शूटिंग शुरू होती है और आपस में सभी मिलते हैं तो ऐसा नहीं लगता है कि लंबे समय के बाद मिल रहे हैं।
करीना का सेंस ऑफ ह्यूमर बहुत बड़ा है
करीना कपूर के बारे में हम सभी जानते हैं कि बड़ी सुपरस्टार हैं। मैं समझता हूं कि वो बहुत ही फनी पर्सन हैं। उनका सेंस ऑफ ह्यूमर इतना बड़ा है कि जब भी कभी मिलती हैं, अगर वो अपने एलीमेंट में आ गई तो उनकी कहानियां सुनकर हंसते – हंसते आंखों में आंसू आ जाता है।
कलयुग मेरे लिए बहुत ही स्पेशल फिल्म है
कलयुग मेरे लिए बहुत ही स्पेशल फिल्म है। उसी की बदौलत आज तक हूं। जब वह फिल्म कर रहा था तो लोग कह रहे थे कि चाइल्ड एक्टर नहीं चलते हैं। इसलिए वह फिल्म मेरे लिए इंपॉर्टेंट थी, क्योंकि इस फिल्म ने चाइल्ड एक्टर नहीं चलते की धारणा बदल दी।
शैतान के साथ मेरी फिल्म भी सेंसर हुई
मैंने फिल्म देखी है, मुझे बहुत अच्छी फिल्म लगी। लोगों को भी पसंद आई। ऐसी ब्लैक मैजिक पर काफी समय से कोई फिल्म नहीं आई थी। हमारी फिल्म और शैतान को एक ही दिन सेंसर सर्टिफिकेट मिला था। मुझे कुमार मंगत और विकास बहल वहां मिले थे। उन्होंने पूछा कि तुम यहां क्या कर रहे हो? मैंने कहा कि मेरी फिल्म भी सेंसर के लिए आई है। उनकी फिल्म 10 दिन में रिलीज थी। मैं बहुत खुश हूं कि यह फिल्म भी हिट रही ।