मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू और विदेश मंत्री मूसा जमीर (फाइल)
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कूटनीतिक गतिरोध के बीच मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर बुधवार की रात नई दिल्ली पहुंचे। बृहस्पतिवार को उनकी विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात होगी, जिसमें दोनों नेता द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि भारत की आधिकारिक यात्रा पर विदेश मंत्री मूसा जमीर का स्वागत है। उनकी यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों और हमारे बहुआयामी संबंधों को गति प्रदान करने के तरीकों को पर चर्चा होगी। मंत्रालय ने कहा कि मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और विदेश मंत्री जमीर की यात्रा से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को और गति मिलने की उम्मीद है।
Maldives Foreign Minister Moosa Zameer tweets, “Arrived in New Delhi on my first bilateral official visit to India! Looking forward to productive discussions, strengthening ties, and experiencing the vibrant culture of India” pic.twitter.com/VVPJmq3uPO
— ANI (@ANI) May 8, 2024
मालदीव और भारत के रिश्तों को मजबूत बनाने की कोशिशों के तहत विदेश मंत्री मूसा जमीर अपने पहले भारत दौरे पर हैं। इस दौरे का मकसद भारत के साथ दीर्घकालिक रिश्तों को और मजबूत बनाना है। जमीर की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत को मालदीव से अपने सैन्य कर्मियों को 10 मई तक वापस बुलाना है। इस संबंध में 3 मई को भारत और मालदीव के उच्च स्तरीय कोर समूह की चौथी बैठक हुई थी। गौरतलब है कि मालदीव का राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने के लिए कहा था, जो वहां तीन उड्डयन प्लेटफॉर्म का संचालन कर रहे थे। भारतीय सैन्य कर्मियों का पहला जत्था वापस आ भी गया है।
मूसा की यात्रा इस मायने में भी अहम है क्योंकि पिछले कुछ महीने से भारत और मालदीव के संबंधों की तल्खी उभरी हैं। मालदीव के राष्ट्रपति ने अपने चुनावी अभियान में ‘इंडिया आउट’ जैसे नारों का सहारा लिया, तो दूसरी तरफ उनके मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप प्रवास पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। इसके बाद पर्यटन पर आधारित देश मालदीव को सोशल मीडिया पर कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। चीन की तरफ झुकाव को लेकर आलोचना झेल रहे मुइज्जू का चीन दौरा भी चर्चा में रहा था। इस दौरे पर भी उन्होंने भारत का नाम लिए बिना ‘किसी के सामने न झुकने’ जैसा बयान दिया था।