संजय लीला भंसाली की डेब्यू वेब सीरीज हीरामंडी इन दिनों जमकर धमाल मचा रही है। इस वेब शो की जहां एक और तारीफ हो रही है। वहीं, सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स उन पर नेपोटिज्म को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं। दरअसल, इस शो में भंसाली की भांजी शर्मिन सहगल अहम भूमिका में हैं। इस वजह से फिल्मकार को इन आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है। हाल ही में कपिल शर्मा के शो पर शर्मिन ने खुलासा किया था कि इस रोल के लिए उन्हें 16 बार ऑडिशन देना पड़ा था। नेपोटिज्म की हो रही चर्चा के बीच आज हम आपको कुछ ऐसे फिल्मकारों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन पर इस तरह के आरोप लग चुके हैं।
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करण जौहर
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर-निर्माता निर्देशकों में करण जौहर का नाम जरूर शामिल किया जाता है। अपने फिल्मी करियर में उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी हैं। हालांकि, उन पर समय-समय पर भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं। धर्मा प्रोडक्शंस के बैनर तले अब तक वे कई सितारों के बच्चों को बॉलीवुड में लॉन्च कर चुके हैं। इस वजह से वे अक्सर सोशल मीडिया पर ट्रोल भी किए जाते हैं।
राकेश ओमप्रकाश मेहरा
राकेश ओमप्रकाश मेहरा अब तक कई शानदार फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं। उनकी दो सबसे कामयाब फिल्में रंग दे बसंती और भाग मिल्खा भाग है। राकेश पर भी कई बार नेपोटिज्म को बढ़ावा देने के आरोप लग चुके हैं। दिल्ली- 6 में अभिषेक को कास्ट करने के बाद उन पर सवाल खड़े किए गए थे। मिर्जिया के समय भी हर्षवर्धन कपूर को फिल्म में मौका देने को लेकर भी उन्हें सोशल मीडिया पर आलोचना झेलनी पड़ी थी।
जोया अख्तर
बॉलीवुड की प्रतिभाशाली निर्देशकों में से एक, जोया अख्तर अपनी शानदार फिल्मों के लिए जानी जाती हैं। वे भी नेपोटिज्म को बढ़ावा देने वाले आरोप से बच नहीं सकी हैं। फिल्म आर्चीज में सुहाना खान, अगस्त्य नंदा और खुशी कपूर को मौका देने के लिए उन्हें भी जमकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।